अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व, मुंगेली (छत्तीसगढ)
अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व की भौगोलिक स्थिति
Achanakmar wildlife century, Mungeli,CG |
अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य की वनस्पतियां और जीव
इस अभारण्य के भीतर
भारतीय बाईसन (वन भैंसा) और बाघ की उपस्थिति बहुत अधिक है। इसके अलावा इस अभारण्य
में तेंदुआ चीतल,चीता, लकड़बग्घा,
भालू, सांभर हिरण, नीलगाय, भारतीय चार सींग वाले हिरण और चिंकारा शामिल हैं, जो अभयारण्य
को बराबर संख्या में आबाद करते हैं । यह अभारण्य वन्यजीव विविधता के लिए प्रसिध्द
है, यहां औषधीय पौधों की 600 से अधिक प्रजाति पाई जाती है। यहां उष्णकटीबंधीय पर्णपाती वन पाया जाता है। इस अभारण्य में सबसे घने जंगल और पहाडियां स्थित है। यह अभारण्य
मानसून के मौसम में बंद हो जाता है। इस अभारण्य
में प्रवेश के ठीक पहले घोघापानी जलाशय है। यह अभारण्य अमरकंटक के काफी नजदीक है।
यहां नर्मदा एवं सोन नदियां बहती है।
अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य में सफारी
इस अभारण्य में जाने
के लिए निजी वाहनों के माध्यम से जाया जा
सकता है। यहां हर साल सफारी नम्बर माह से जून माह तक चलती है। नवम्बर एवं जनवरी माह
में यहां पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होती है। मानसून के दौरान जून से अक्टूबर
तक यह रिजर्व बंद रहता है। अभारधण्य से आगे
अमरकंटक के रास्ते में अचानकमार में सरकारी गेस्ट हाउस है, जिसे सरकारी अधिकारियों
के साथ बुकिंग कराई जाती है, यहां की व्यवस्थाएं
काफी अच्छी है। यहां स्थित वन गेस्ट हाउस
का निर्माण अंग्रेज अधिकारियों द्वारा 1993 में
करवाया गया है। इस गेस्ट हाउस की उंचाई समुद्र तल से १८५० फीट उपर है। अभयारण्य
के परिसर में एक रेस्तरां, कॉफी हाउस और अन्य सुविधाएं भी हैं।
hi
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