छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति


Chhattisgarh State Map (छत्‍तीसगढ़ राज्‍य का नक्‍शा
Chhattisgarh State Map (छत्‍तीसगढ़ राज्‍य का नक्‍शा)

छत्तीसगढ़  प्रदेश 17046  से 2405 उत्‍तरी अक्षांश  तथा 80015 से 84020 पूर्वी देशांतर के मध्‍यम स्थित है। छत्‍तीसगढ़ की आकृति समुद्री घोड़े मछली जैसी है। छत्तीसगढ़  प्रदेश भारत के छ: राज्‍यों से घिरा हुआ है। यह दक्षिण पूर्व में उडीसा, दक्षिण में आंध्रप्रदेश, दक्षिण पश्चिम में महाराष्‍ट्र, पश्चिम मेंमध्‍यप्रदेश, उत्‍तर पूर्व में झारखंड, उत्‍तर में उत्‍तरप्रदेश राज्‍यों से घिरा हुआ है। उड़ीसा राज्‍य  के साथ सर्वाधिक लंबी सीमा बनाता है तथा उत्‍तरपदेश के साथ सबसे कम। राज्‍य के उत्‍तर से दक्षिण बिन्‍दु की दूरी 360 किमी एवं पूर्व से पश्चिम बिन्‍दुओं की दूरी 140 किमी है। छत्तीसगढ़  राज्‍य का कुल क्षेत्रफल 137898.36 वर्ग किलोमीटर है, जो कि हमारे देश के कुल क्षेत्रफल का 4.14 प्रतिशत है। क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का 10 वां बडा राज्‍य है। छत्तीसगढ़  की जनसंख्‍या 25540196 है, जो कि हमारे देश के जनसंख्‍या के 2.11 प्रतिशत है। कर्क रेखा (23.50 उत्‍तरी अंक्षाश) इस राज्‍य के उत्‍तर भाग कोरिया, बलरामपुर, सूरजपूर जिले से गुजरती है।



जलवायु :-

छत्तीसगढ़ भारत के मध्‍य भग में स्थित है। कर्क रेखा छत्तीसगढ़  से गुजरती है इस कारण यह उष्‍ण कटिबंधिय मानसूनी जलवायु वाला प्रदेश है। छत्तीसगढ़  प्रदेश समुद्र से दूर पर स्थित है, इस कारण यह प्रदेश समुद्र के समकारी प्रभाव से वंचित है। इस प्रदेश की जलवायु उष्‍ण आर्द्र है। कर्क रेखा इस राज्‍य से गुजरने के कारण यहां ग्रीष्‍म ऋतु में अधिक गर्मी तथा शीत ऋतु में अधिक ठंडी होती है। मई माह में सर्वाधिक गर्मी तथा दिसम्‍बर एवं जनवरी माह में अधिक ठंडी पडती है। प्रदेश में सर्वाधिक गर्मी रायपुर जिला तथा सर्वाधिक ठंडी सरगुजा जिला में पडता है। जांजगिर चांपा में सबसे अधिक गर्मी तथा अम्बिकापुर में सबसे अधिक ठंडी पडती है।
छत्तीसगढ़  में मौसम परिर्वतन के आधार पर ऋतु को मुख्‍यत: तीन भागों में बांटा गया है:-

1.       ग्रीष्‍म ऋतु :- 

  यह प्रदेश भारत के मध्‍य पूर्व भाग में स्थित है। यहां की जलवायु हमारे देश की तरह उष्‍ण कटिबंधियी मानसूनी जलवायु है। छत्तीसगढ़  के उत्‍तर भाग (सरगुजा जिला) से होकर कर्क रेखा गुजरने के कारण यहां ग्रीष्‍म ऋतुएं अत्‍याधिक गर्म तथा शीत ऋतु अत्‍याधिक ठंडी होती है। छत्तीसगढ़  में सबसे अधिक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस हो जाता है, जो कि मई महीने में होता है। सबसे कम तापमान दिसम्‍बर माह में 18 डिग्री सेल्सियस होता है।

2.       वर्षा ऋतु :-

   यहां ग्रीष्‍म ऋतु के पश्‍चात वर्षा ऋतु का आगमन होता है। वर्षा की अवधि 15 जून से सितम्‍बर माह तक रहती है। यहां की अधिकांश कृषि वर्षा पर निर्भर रहने के कारण वर्षा ऋतु का विशेष महत्‍व होता है। यहां वर्षा मानसूनी हवाओं से होती है। यहां सर्वाधिक वर्षा बंगाल की खाडी से उठने वाले मानसून से होती है। यहां की औसत वर्षा 187.5 सेंटीमीटर होती है। 21 जून को कर्क रेखा के समीप सूर्य की लंबवत स्थिति होने कारण अत्‍याधिक गर्मी पडती है एवं तापमान बढ जाता है, न्‍यूनतम वायुदाब की स्थिति बनती है, जिसके कारण हिन्‍द महासागर के दक्षिणी भाग से मानसूनी हवाएं आकर्षित होती है एवं इसी से छत्तीसगढ़ में वर्षा होती है।  अबूझमाड की पहाडियों में अत्‍याधिक वर्षा होती है। राजनांदगांव के पश्चिम भाग में मैकाल पर्वत श्रेणी पडता है। मैकाल श्रेणी द्वारा मानसूनी हवाओं के मार्ग में अवरोध उत्‍पन्‍न करने के कारण उनके पूर्वी भाग में मानसूनी हवाएं कमजोर हो जाती है, जिसके यह भाग वृष्टि छाया भाग हो जाता है। सितम्‍बर माह के आखिरी दिनों में मानसूनी हवाओं का वेग कम हो जाता है जिससे वर्षा की मात्रा घटती जाती है। नारायपुर जिले के अबूझमाड क्षेत्र सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र है।


3.       शीत ऋतु :-

   छत्‍तीसगढ में शीत ऋतु अक्‍टूबर से फरवरी माह तक होती है। 21 सितम्‍बर को सूर्य दक्षियान में स्थित होने के कारण छत्‍तीसगढ में सूर्य की किरणें तिरछी पडती है और तापमान गिरता  जाता है। जिसके कारण मानसून की गति तथा मात्रा कम होने लगती है। छत्‍तीगढ में सबसे कम तापमान दिसम्‍बर एवं जनवरी माह में होता है। यहां न्‍यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मैंदानी भाग में यह तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तथा पहाडी भाग में तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रहता है। जशपुर मैनपाट न्‍यूनतम तापमान वाले क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
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